इस्लाम की शहजादीयों के नाम

इस्लाम की मुकद्दस शाहजादियों इस पोस्ट को सेव कर लो !!
और जहन में बसा लो जो भी आज़ादी की बात करे उसके मुंह पे मार दो !!
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अल्लाह व रसूल (जल्ला जलालुहू व सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) नें इंसानी फ़िरत के तकाजों के मुताबिक़ बदकारी के दरवाजों को बन्द करने के लिए औरतों को पर्दे में रखने का हुक्म दिया है ! पर्दे की फ़र्जियत और उसकी अहमियत कुरआन मजीद और हदीसों से साबित है ! चुनान्चे क़ुरआन मजी़द में अल्लाह तआ़ला ने औरतों पर पर्दा फ़र्ज फरमाते हुए इरशाद फ़रमाया कि :
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तर्जुमा : तुम अपने अपने घरों के अन्दर रहो ! और बेपर्दा होकर बाहर न निकलो जिस तरह पहले जमाने के दौरे जाहिलियत में औरतों बेपर्दा बाहर निकल कर घूमती फिरती थी !!
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हदीस शरीफ़ में है रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया है कि औरत पर्दे में रहने की चीज़ है ! जिस वक्त वह बेपर्दा होकर बाहर निकलती है तो शैतान उसको झांक झांक कर देखता है !!
📚(तर्मिज़ी जि.1 स. 140)
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और इसी तरह हज़रत अबू मूसा अशअ़री रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि हुज़ूरे अक़दस सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम ने फ़रमाया जो औरत ख़ूशबु लगाकर मर्दो के पास से गुज़रे ताकि लोग उसकी ख़ुशबू सूंघें वह औरत बदचलन हैं !! (नसाई)
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तो मेरी बहनों ! आज कल जो औंरते बनाव सिंगार करके और उरियॉ (घटिया) लिबास पहन कर , ख़ुशबू लगाये बे पर्दा बाज़ारो में घूमती हैं और सिनेमा,थियटरों मे जाती हैं ! वह इन हदिसों की रौशनी में अपने बारे में खुद ही फैसला करें कि वह कौन सी केटेगरी में आती हैं !! और कितनी बडी गुनाहगार हैं !!
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ऐ अल्लाह की बन्दियो ! तुम ख़ुदा के फ़ज्ल से मुसलमान ! अल्लाह व रसूल ने तुम्हें ईमान की दौलत से माला माल किया है ! तुम्हारे ईमान का तका़जा़ यह है कि तुम अल्लाह व रसूल के अहकाम को सुनो और उन पर अमल करो !!
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आजकल बाज़ मूलहिद (नास्तिक) क़िस्म के दूश्मनाने इस्लाम मुसलमान औंरतों के यह कहकर बहकाया करते हैं कि इस्लाम ने औंरतों को पर्दे में रखकर औरतों की बेइज़्जती की है ! इस लिए औंरतों को पर्दे से निकल कर हर मैदान में मर्दो के दोश बदोश खडी हो जाना चाहिए ! मगर मेरी बहनों ! खूब अच्छी तरह समझ लो कि इन मर्दो का यह प्रोप्रेगेन्डा इतना गन्दा और घिनावना, फ़रेब और धोका है कि शायद शैतान को भी न सुझा होगा !!
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मेरी बहनों तुम खुद इंसाफ़ करो कि तमाम किताबें खुली पडी रहती हैं और बे पर्दा रहती है मगर कुरआन शरीफ़ पर हमेंशा गिलाफ़ चढा कर उसको पर्दे में रखा जाता है ! जिस तरह किताबों में सबसे अफ़जल व आला कुरआन मजीद है ! इसी तरह मुसलमान औरतों को पर्दा का हुक्म देकर अल्लाह व रसूल की तरफ़ से इस बात का ऐलान किया गया है कि अक़वामे आलम की तमाम औरतों में मुसलमान औरत तमाम औरतों से अफ़जल व आला हैं !!
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मेरी बहनों ! अब तुम्हें फैसला करना है कि इस्लाम ने मुसलमान औंरतों को पर्दॉ में रख़कर उनकी इज्जत बढ़ाई है ! या उनकी बेइज़्जती की हैं ??

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Milan Tomic

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