"मुल्ला जी" सीधे साधे आदमी थे !
एक दफा बस में जा रहे थे,
जब कंडेक्टर को किराया देने के लिए
बगल वाली जेब में हाथ डालने लगे तो
साथ में बैठे अजनबी आदमी ने
उनका हाथ पकड़ते हुए कहा !!
नहीं मुल्ला जी आप का किराया मैं दे देता हूँ,
मुल्ला जी ने बहोत तकल्लुफ किया कि
नहीं वो खुद अपना किराया देंगे
लेकिन अजनबी ने उनका हाथ
मज़बूती से पकड़े रखा और फिर
मुल्ला जी का किराया भी कंडेक्टर को दे दिया...
अगले स्टॉप पर अजनबी उतर गया
और मुल्ला जी ने
कोई और चीज़ तलाश करने के लिए
अपनी जेब में हाथ डाला तो वो खाली था
पर्स अजनबी आदमी ने निकाल लिया था !!
कुछ दिन "मुल्ला जी" ने अचानक बाजार में
उस अजनबी (पॉकेट मार) को देख लिया,
तो वह अजनबी मुल्ला जी के गले लगकर रोने लगा
कि मुझे माफ़ कर दो...
तुम्हारी पॉकेट चोरी करने के बाद
मेरी लड़की मर गयी...
मुल्ला जी उसको माफ़ करके जाने दिया
कुछ देर के बाद जब मुल्ला जी
कुछ सामान लेने के लिए गए
और जेब में हाथ डाले तो जेब फिर साफ़ थी !!
कुछ ही दिनों के बाद मुल्ला जी
मोटर सायकल से कहीं जा रहे थे
अचानक उस पाकेटमार (चोर) को
देखा और पकड़ लिया....
चोर ने रोते रोते माफ़ी मांगी और
तमाम पैसे भी वापस वापस कर दिए...
और फिर सामने वाली होटल पर ले जाकर
मुल्ला जी को चाय भी पिलाई और
मुल्ला जी से इजाज़त ले कर के रुखसत हो गया !!
मुल्ला जी ख़ुशी खुशी
अपने मोटर साइकल के पास आये
तो देखा वही अजनबी आदमी (चोर)
मोटर साईकिल लेकर फरार हो चूका था !!!
नोट: यही हाल भारतीय मुसलमान और
"सेक्यूलरिज़्म" के नाम पर धंधा करने वाले दलों का है !
जो हर बार एक नए तरीके से हमको लूट रहे हैं !!
0 comments:
Post a Comment