अपनी नई नवेली दुल्हन ज़ोया को शादी के दूसरे दिन ही दहेज मे मिली नई चमाचमाती गाड़ी से शाम को इमरान लॉन्ग ड्राइव पर लेकर निकला !
गाड़ी बहुत तेज भगा रहा था, ज़ोया ने उसे ऐसा करने से मना किया तो बोला- अरे ! मजे लेने दो आज तक दोस्तों की गाड़ी चलाई है, आज अपनी गाड़ी है सालों की तमन्ना पूरी हुई !
मैं तो खरीदने की सोच भी नही सकता था, इसीलिए तुम्हारे डैड से मांग करी थी !
जोया बोली :- अच्छा, म्यूजिक तो कम रहने दो....
आवाज कम करते जोया बोली,
तभी अचानक गाड़ी के आगे एक भिखारी आ गया,
बडी मुश्किल से ब्रेक लगाते, पूरी गाड़ी घुमाते इमरान ने बचाया मगर तुरंत उसको गाली देकर बोला- अबे मरेगा क्या भिखारी साले, देश को बरबाद करके रखा है तुम लोगों ने..
तब तक ज़ोया गाड़ी से निकलकर उस भिखारी तक पहुंची देखा तो बेचारा अपाहिज था उससे माफी मांगते हुए और पर्स से 100रू निकालकर उसे देकर बोली- माफ करना चाचा वो हम बातों मे........ कही चोट तो नहीं आई.?
ये लीजिए हमारी शादी हुई है मिठाई खाइएगा ओर दुआ दीजिएगा,
कहकर उसे साइड में फुटपाथ पर ले जाकर बिठा दिया, भिखारी दुआएं देने लगा..
गाड़ी मे वापस बैठी ज़ोया से इमरान बोला :- तुम जैसों की वजह से इनकी हिम्मत बढती है भिखारी को मुंह नही लगाना चाहिए,
ज़ोया मुसकुराते हुए बोली - इमरान! भिखारी तो मजबूर था इसीलिए भीख मांग रहा था वरना सब कुछ सही होते हुए भी लोग भीख मांगते हैं दहेज लेकर !
जानते हो खून पसीना मिला होता है गरीब लड़की के माँ - बाप का इस दहेज मे, और लोग....
तुमने भी तो पापा से गाड़ी मांगी थी तो कौन भिखारी हुआ.?? वो मजबूर अपाहिज या.....??
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एक बाप अपने जिगर के टुकड़े को २० सालों तक संभालकर रखता है, और अपने ज़िगर के टुकड़े को अपने घर की रौनक को दूसरो के घर में रोशनी करने के लिये दे देता है उस पर दहेज मांगना भीख नही तो क्या है बोलो..?
कौन हुआ भिखारी वो मजबूर या तुम जैसे दूल्हे....
इमरान एकदम खामोश नीची नजरें किए शर्मिंदगी से सब सुनता रहा क्योंकि....
ज़ोया की बातों से पडे तमाचे ने उसे बता दिया था कि कौन है सचमुच का भिखारी?
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