हमारे माअशरे में जब बहु हामला हो तो सास को वो सारे किस्से याद आ जाते हैं के किस तरह वो घर के सारे काम भी करती थी फल और ताकत के ख़ुराक़ की ज़रूरत भी न पड़ती थी और दिन हर एक का हुक़्म बजाती थी और फ़िर भी बच्चा तंदुरुस्त पैदा होता था ----
लेकिन जब ख़ुद की बेटी हामला होती है तो बेचारी बहुत कमज़ोर है ख़ून की कमी भी है ग़िज़ा की सख़्त ज़रूरत है डॉक्टर ने कंप्लीट बेड रेस्ट बताया है फल , दूध दही जितनी खिलाई जाए बेहतर है क्योंकि बच्चा बहुत कमज़ोर है और ये सारे नुस्ख़े डॉक्टर ने कहे होते है उस वक़्त वो सारे किस्से जो बहु के टाइम और बहू को सुनाई गई थी कहीं दफ़न हो जाती हैं ।
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