●क्या आप मौलवी हैं...??●


ऑफिस ब्वॉय फाइल्स का कार्टून बाहर लाकर रख के निकल गया. और वह सख्त धूप में अकेली खड़ी हो गई, टैक्सी के इंतजार में पास से गुजरती टैक्सी को उसने रोका।

जी मैडम!  अंदर से एक दाढ़ी वाला ड्राइवर बोला

उसने सोचा टैक्सीवाला तो एक मौलवी है, उसे कह देती हूं के जाइए साहब ।
लेकिन ऑफिस एक साइड पर होने की वजह से कम ही टैक्सी वाले इधर से गुजरते थे और ऊपर से गर्मी ने बुरा हाल किया हुआ था, और कोई रास्ता ना था.

उसने ड्राइवर से बोला 'G9' जाना है।

ड्राइवर...: जी बैठिए.

कितने पैसे ?? 200 दे दीजिए.

दिल में ख्याल आया उस दिन तो 300 दे कर गई थी।
मौलवी है....
सर तो कहते हैं मौलवी बहुत लालची होते हैं, अरे सर यह भी तो कहते हैं कि हवस के पुजारी होते हैं और भरोसे के काबिल नहीं यह मौलवी

एक बार तो वो डर गई लेकिन तेज धूप उसे ज्यादा सोचने नहीं दे रही थी।

ड्राइवर... : मैडम चलिए, बैठे .... 180 दे दीजिएगा।

जी सही लेकिन सामने मेरी फाइल्स का कार्टून है , वज़नी है उठाया नहीं जा रहा।
जी मैं रख देता हूं , आप बैठे।

गाड़ी चलते ही ड्राइवर ने इजाजत चाही,
दरअसल में बयान सुन रहा था आपको बुरा ना लगे तो चला दुं ???

जी आप सुन ले

ड्राइवर ने प्लेयर ऑन किया,
उनवान था : पर्दा
ना चाहते हुए भी उसे सुनना पड़ रहा था, लिब्रल्स और मुल्हिदों की महफिल और दोस्ती में रहकर उसे सिर्फ इस्लाम से नफरत ही दिलाई गई थी।
मौलवी को खूंखार भेड़िया का स्वरूप दिखाया गया था जिसका मकसद माल, हवास, लालच, औरत के जिस्म के सिवा कुछ न था, मजहब के नाम पर माल खाना उसका पेशा था।

ऑडियो प्लेयर में एक मौलवी साहब जोरदार आवाज में गरजे...
पर्दा अल्लाह का हुक्म हे. एक औरत के जिस्म का मुहाफिज है. उसके चेहरे से लेकर जिस्म के आजा हाथ पैर तक को ढक कर वह उसे हजारों के मजमे में भी महफूज होने का यकीन दिलाता है. पर्दा औरत को शैतानी नजरों से बचाता है. देखने वाले आंखें मोड़ लेते हैं कि कोई शरीफज़ादी है।

अल्लाह तआला कुरान में फरमाता है:
तर्जुमा...:
" ए नबी ! अपनी बीवियों से और अपनी साहबजादीयों से और मुसलमानों की औरतों से कह दो कि वह अपने ऊपर अपनी चादरें लटका लिया करें, इससे बहुत जल्द उनकी पहचान हो जाया करेगी फिर ना सताई जाएंगी , और अल्लाह तआला बख्शने वाला मेहरबान है।"

पर्दा औरत की इफ्फत है. सलामती का ज़ामिन है, औरत की पाकदामनी की ज़ाहिरी अलामत है. पर्दे में ही उसकी इज्जत है।
बेपर्दा की मिसाल खुले गोश्त की सी है जिस पर हर एक मक्खी बैठकर अपना गंद निकालती है. हर एक उसे खाने की निगाह से घूरता है, हर आंख उसे खाने और लूटने की नजर से देखती है।

आहहहह..! उसे लग रहा था जैसे सब अल्फाज़ उसी पर हों. उस का ऑफिस से आने जाने पर रास्ते में खड़े हर लफंगे की नजर उस पर होती थी.
उसे ऐसा लग रहा था कि उसकी इस मुश्किल का वाहिद हल यही है, लेकिन पर्दा और वह करे जिस के नजदीक पर्दा जुल्म था, दकियानूसी थी।
उन्हीं सोचो मैं उसकी बताई गली में टैक्सी पहुंच चुकी थी।

टैक्सी से उतरते हुए वह कह रही थी, सामान प्लीज बाहर रख दे.... और कॉल की.
ममा, सनी को भेजें, कुछ फाइल्स है, वेट ज्यादा है ऊपर लेकर जानी है।
 
क्या..!?  सनी घर पर नहीं..!!
ओह गॉड!

ड्राइवर... : मैडम चलिए मैं छोड़ देता हूं।
उसके दिमाग में पहला ही खयाल आया,  मुमकिन है पैसों के लालच में ऐसा कह रहा हो।
चलो कुछ मांगा तो दे दूंगी।

जी बेहतर ,
ड्राइवर एक फ्लोर चढ़कर उसके कहने पर एक फ्लैट के सामने रुका.  बस यहां रख दीजिए और साथ ही ₹300 निकाल कर दिए.

ड्राइवर ने कहा : यह 300 किस लिए ?

दरअसल कुछ पहले में आई थी तो 300 ही लेते हैं और आपने सामान भी तो लाया, अगर उसके आप अलग से लेना चाहे तो बताएं?.

ड्राइवर : नहीं बहन , आप अपने यह पैसे रखिए, जो बात हुई थी मैं उससे ज्यादा नहीं ले सकता.
बाकी सामान की बात तो हमारा दीन हमें दूसरे मुसलमानों से हमदर्दी का दर्स देता है और उसी के तहत मैं सामान ले आया।

जाते हुए उसके मुंह से निकल गया:
क्या आप मौलवी हैं?

वह मुड़ा, मुस्कुराया और कहने लगा :
मुमकिन है मौलवी के बारे में आपको गलत गाइड किया गया हो.
मैं मौलवी, आलिम हाफिज तो नहीं , लेकिन उनसे मोहब्बत करने वाला हूं. आप भी मौलवियों को सुनिए , पढ़िए और तहक़ीक़ कीजिए , इंशाअल्लाह आपको भी यह मौलवी मखलूक  बुरी नहीं लगी लगेगी।

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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