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Tuesday, 25 December 2018

ज़ुल्फो की घनी छाव

ज़ुल्फो की घनी छाव, ये गालों की हसी'न धूप
जिन्दा हे तेरे प्यार से जानम ये मेरा रूप
क्या क्या ना तेरे प्यार को दिलबर दिया हमने
तू बून्द का प्यासा था, समंदर दिया हमने

मालूम हे खुश रह के भी फरियाद करोगे
तोड़ोगे मेरा दिल मुझे बारबाद करोगे
दिल फिर भी तुम्हे देते हे क्या याद करोगे

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