यार मुझे तो तुम्हारे धर्म के लड़के अच्छे लगते है क्या हेयर स्टाइल होता है हैंडसम स्मार्ट लुक एक अलग ही बात होती है तेज़ तर्रार बात करने का स्टाईल अगर मेरा बस चलेगा तो मे तो तुम्हारे धर्म के लड़के से शादी करूँगी
भोपाल डिवीज़न काॅलेज की दो क्लोज़ फ्रैंड पूजा तिवारी अपनी बेस्ट फ्रैंड आलीया ख़ान को अपने दिल की बात बता रही थी तभी बीच मे आलीया बोल ऊठी
लेकिन मुझे मुस्लिम लड़के बिल्कुल पंसद नही है शादी के बाद बिल्कुल बदल जाते है पर्दा करो नमाज़ पढ़ो सुबह जल्दी उठो सास ससुर कैसे भी हो उनकी इज़्ज़त करो माई फुट ।
पूजा :-- तो इसमे बुराई क्या है ये तो संसकारो वाले काम है ।
आलीया :-- मुझे आज़ादी वाली जिंदगी पंसद है किसी तरह का बंधन ना हो ना सास ससुर की झिक झिक ना अर्दा ना पर्दा हसबैंड हो उसके साथ आज्ञाकारी भी हो किसी के साथ मिलने जुलने पर रोक टोक ना करे हर रोज़ पार्टी हो शोरशराबा हो सुबह देर तक सोने को मिले ।
पूजा :-- चल बस कर अब क्लास का वक्त हो गया तू कर लेना मेरे धर्म मे शादी और मे तेरे धर्म मे लेकिन अभी मुझे माफ कर हर जगह लेक्चर देने बैठ जाती है अभी क्लास मे भी लेक्चर सुनना है चल जल्दी ।
आलीया का घर एक वेल ऐजूकेटेट फैमिली से था जहा सभी आज़ाद ख्याल के लोग थे आलीया ने अपनी ख्वाहिश कई बार घर वालो को बताई लेकिन घरवाले हमेशा हंसी मजाक मे लेते थे और खुद भी बोल्ड नेस को तरजीह देते थे पर्दे और दीन से कुछ दूरी बनाए रखते थे घर मे दो भाई थे सैफ और कैफ जिनको अपने दोस्तो यारो से फुर्सत ना थी जो अपनी बहन की तरफ देखे माँ को भी अपनी एजूकेशन पर घमंड था तो इस्लाम को अपने हिसाब से डिफेंस करती थी के आलिम तक को फतवे दे दे ।
अल्लाह ने ये कौन कहा है कि घर मे क़ैद होकर बैठ जाओ जिससे करते बने करो जिसके बस मे ना हो उसके लिए सहूलियत भी है ये आलिम लोग तो सिर्फ डराने के लिए पैदा हुए है ।
वक्त गुज़रा और वही हुआ जिसका डर था आलीया ने एक गैर मज़हबी लड़के से शादी कर ली ।
ख़ानदान वालो ने तानो के सैलाब खोल दिए जिसे आलीया के माँ-बाप डिफेंस करते रहे उनकी नज़र मे ये इतनी बुरी बात ना थी इस ज़माने मे इस सोसायटी की ज़रूरत है कि हर धर्म के लोग इस रास्ते से एक दूसरे के करीब आए ।
बहरहाल वक्त और गुज़रा
आज आलिया की शादी की 5th WEDDING ANNIVERSARY का प्रोग्राम है आज आलिया दुनिया वी ऐतबार से बोहोत कामयाब औरत है पती का खुद का सफल बिज़नेस है जिसमे ती सौ एम्प्लॉइज काम करते है ।
आज शहर के बड़े नाम चीन लोग इस पार्टी मे शरीक है ।
मेहमानो का तांता लगा है । आलिया भी हर मेहमान का ख्याल रख रही थी तभी कोने मे एक ख़ातून जो ऊपर से नीचे तक पर्दे मे ढकी हुई दीवार की तरफ मुँह करके बैठी है आलीया ने बड़े गौर से उनकी तरफ देखा और पास जाकर पूछा आपने खाना खा लिया उस ख़ातून ने हा मे सर हिलाया ।
आलीया :-- आप ये बुर्क़े मे बैठी है इस दम घुटने वाले लिबास से बाहर आईये देखीए माहौल कितना हंसी है हर तरफ लोग हंसी खुशी एक दूसरे से मिल रहे है बाते कर रहे है और आप है कि पूरी महफिल मे नमूना बनी बैठी है लोग आपको मज़ाक ऊड़ाने वाली नज़रो से देख रहे है ।
फिर कुछ सोच कर आलीया बोली ।
समझ गई तुम्हारे हसबैंड ने तुमको इस क़ैद मे रखा हुआ है चलो मे आपको आज इस बंदिश से आज़ाद करती हू ये कहते हुए आलीया ने उस ख़ातून के चेहरे से नक़ाब उठाया तो उसकी हैरत से चीख निकल गई ।
पूजा तुम ???
पूजा नही आएशा नाम है मेरा
आएशा असलम ।
आलीया हैरान होकर तूने मुसलमान से शादी कर ली मे तो इन मुसीबतो से भाग कर आई थी लेकिन तू कैसे फस गई ।
आएशा :-- फसी नही बच गई
लेकिन आप ज़रूर बोहोत ख़सारे मे दिख रही है
आलीया :-- हा हा हा हा हा हा देखो मेरे पास आज क्या नही है सोसायटी मे नाम है शोहरत है इज़्ज़त है पैसा है पूरा शहर सर झुका कर मिसेज़ त्रिपाठी कहकर बुलाता है ।
आएशा :-- ठीक है आपकी नज़र मे इस जिंदगी की यही कामयाबी है लेकिन इसके बाद की ज़िंदगी का क्या होगा जहा सबको अपने रब के सामने खड़े होना है आपने यहा की कामयाबी के लिए हमेशा की कामयाबी को ठुकरा दिया ।
आलीया :-- अरे कौन सी कामयाबी देखो आज मेरी जिंदगी कितनी खुशहाल है मेरा हसबैंड ने मुझे कितनी आज़ादी दी है मुझे क्या खाना है कहा जाना है क्या पहनना है ये सब मे डिसाइड करती हू और तुम्हारे हसबैंड ने तुमको कै़दखा़ने मे रखा है आखिर है कौन तुम्हारे हसबैंड ।
आएशा :-- आपकी कंपनी मे सुपरवाईज़र है और उनकी नज़र मे एक बेशकी़मती दौलत हू जिसे वो छुपा कर रखते है
और वो मुझे इस पर्दे के लिए मजबूर नही करते ये तो मुझे इस्लाम अपनाने के बाद पता चला कि इस्लाम एक कोहिनूर का हीरा है आपके पास था तो आपने इसकी क़दर ना करी मुझ फ़क़ीर को मिल गया मैंने लपक लिया इसने मेरी क़दर बढ़ा दी ।
और जिस हिजाब को आप कै़दखा़ना समझती है ये तो औरत की ज़ीनत है ।
इस्लाम की शहज़दीयो के लिए इनाम है ।
मेरे रब ने मुझको पर्दे मे रहने का हुक्म दिया मेरे जिस्म का भी पर्दा है मेरे लिबास का भी पर्दा है मेरे आवाज़ तक का पर्दा है और मेरे नाम तक का पर्दा है अल्लाह ने क़ुरान तक मे किसी औरत को नाम से नही पुकारा हूद अलए सलाम की बीवी लूद अलए सलाम की बीवी फिरोन की बीवी आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बीवीयो को ज़ोजा का लक़ब दिया ।
सिर्फ मरयम अलए सलाम का नाम दिया है वो भी मसले के तहत ।
यंहा तक की जब मुझको बनाया पर्दे मे बनाया आप क्या समझती है ये हिजाब हमारे लिए रुकावट पैदा कर सकता है इसी हिजाब मे रहकर उम्मुल मोमिनीन हज़रत आएशा रदी ● ने बाइस हज़ार हदीसे उम्मत तक पंहुचा कर हमारी रहनुमाई फरमाई है ये वो हिजाब है जिसे अल्लाह के प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की लाड़ली बेटी हज़रत फातिमा रजि ● ने अपनी जिंदगी मे तो क्या मौत के वक्त भी ना छोड़ा उनका तो जनाज़ा भी पर्दे मे निकला ।
और सबसे आखिर बात दुनिया की क़ीमती चीज़ो को हिजाब मे रखा जाता है ।
और कचरे को खुला छोड़ दिया जाता है ।
चलती हू मेरे शौहर का फोन आ रहा है ।
आलीया के पास किसी बात का जवाब ना था क्योंकि जिस इस्लाम को वो अपने बाप की जागीर समझ रही थी आज वो कोई और लूट कर ले गया है ।
पोस्ट पढने वाले इसमे आलीया को गलत समझ रहे होंगे लेकिन पोस्ट लिखने वाला उससे बड़ा गुनहगार उसके माँ-बाप को मानता है जब तक ऐसे माँ-बाप दुनिया की कामयाबी को बड़ा समझेंगे और आखिरत को छोटा तो उस घर मे इस्लाम का जनाज़ा निकालने वाले पैदा होंगे ।
दुनिया के इल्म को बड़ा और दीन के इल्म को छोटा तो उस घर मे हाफि़ज़ क़ारी आलिम नही नाचने गाने वाले पैदा होंगे ।
अपने नबी के तरीको को छोड़ कर यहूद नसारा के तरीको को तरजीह देंगे उन नस्लो मे दीन को मिटाने वाले पैदा होंगे ।
ज़रा वक्त निकाल कर पढ़े उन अल्लामाए वक्त की जिंदगी को जिनकी माँ की गौद उनका पहला मदरसा थी ।
आज ग़ैरो ने एहेद किया है 2100 मुस्लिम बहु लाएंगे अरे जिस तरह आज हम मग़रिबी तहज़ीब के पीछे भाग रहे है ।
2100 तो हम तैयार कर के दे रहे है ।
उनकी गिनती 2100 के बाद शुरू होगी
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