मोबाइल फ़ोन हमारी ज़रूरत बन कर आया था, अब ज़हमत बन गया है। यक़ीन न हो तो अपने आस पास, आस पास छोड़ो अपने घर में ही देख लो।
जहां एक तरफ पूरी उम्मत पर परेशानियों और मुसीबतों का पहाड़ खड़ा है, वहीं दूसरी तरफ़ हमारी क़ौम की एक बड़ी नस्ल जिसमें बड़े बूढ़े नवजवान छोटे छोटे बच्चे बच्चियां सब Tiktok, Likes, Musically, Instagram और न जाने कौन कौन से वाहियात ऍप्लिकेशन्स पर अपनी वीडिओज़, लिपसिंग्स, जोक्स, फहश गालियां अपलोड करने में लगी हैं।
हमने सबके हाथ मे मोबाइल थमा तो दिया ये कह कर के बच्चे बाहर जाते हैं, या अकेले रहते हैं या स्कूल कॉलेज में ज़रूरत पड़ती है मगर बच्चे इसका कितना और कैसा इस्तेमाल कर रहे हैं इसकी मॉनिटरिंग करनी छोड़ दी ये कह कर के बच्चे अब होशियार और ख़ुद मुख़्तार हो गए हैं, मगर याद रखिये आपके बच्चे बच्चियां होशियार नहीं, शिकार हो रही हैं।
छोटे छोटे 8 से 10 साल के बच्चे अपनी फिल्मी अंदाज में लिपसिंग, डांसिंग और डायलॉग बाज़ी करते ये आपके बच्चे क्या जानते हैं साइबर प्राइवेसी के बारे में?
ख़ुदारा इस अज़ाब से निकलिए ख़ुद भी और अपने से छोटों को भी आगाह करये, उन्हें समझाइए किस तरह दुनिया में साइबर क्राइम और सेक्सुअल हरासमेंट हो रहे हैं, आपकी वीडिओज़ कौन देख रहा, कौन नहीं इससे आगाह करिए। बेपर्दगी और गाली गलौज को बढ़ावा देने वाली इन ऍप्लिकेशन्स को ब्लॉक करिए, और करवाइये!!
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